उत्तर प्रदेश के संभल में खग्गू सराय में एक मंदिर मिला था. वहीं, एक मंदिर मंगलवार को भी मिला है. खग्गू सराय में जहां मंदिर मिला था, वहां कई हिंदू परिवार रहते थे जो 1978 के दंगे के बाद घर छोड़कर चले गए थे. वहीं, मंगलवार को एक दंपति 46 साल बाद फिर पहुंचा और मंदिर के दर्शन भी किए. आइए जानते हैं कि दंपति ने आजतक से बातचीत में क्या कहा…
अनिल कुमार रस्तोगी ने बताया कि जब 1978 के दंगे के समय भीड़ आ रही थी तो मैं अपनी दुकान बंद करके घर चला गया था. मुझे शाम को जानकारी मिली कि मेरी दुकान जल चुकी है. वहीं, अगले दिन मैंने जाकर देखा तो मेरी पूरी दुकान और दुकान का माल जल चुका था.
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मेरे पास दंगे की मौजूद है तस्वीर
रस्तोगी ने कहा कि दुकान पर आग लगी हुई थी और मार काट भी की गई थी. दंगे की तस्वीर मेरे पास मौजूद है लेकिन अगर तस्वीर नहीं भी देखूंगा, तब भी मुझे उस दंगे की याद रहेगी. मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी बोला है वह सही ही बोला है और वह जो कुछ भी कर रहे हैं बिल्कुल सही कर रहे हैं.
दंगे के बाद हर कोई जान गया था कि यहां रहते हैं मुसलमान
रस्तोगी ने कहा कि दंगे के बाद हर किसी के मन में यह बात बैठ गई थी कि इस पूरे इलाके में मुसलमान हैं और खग्गू सराय सबसे बेकार जगह है. मुझे संभल से बहुत लगाव है और हम लोग जब भी आते हैं, अपना घर जरूर देखकर जाते हैं. इससे पहले जब भी हम लोग संभल आते थे, तब मंदिर का दरवाजा बंद ही मिलता था.
मंदिर के पास स्थित कुएं में भी मिली थी 3 मूर्तियां
संभल में 48 साल बाद खुले मंदिर के पास स्थित कुएं की खुदाई के दौरान एक के बाद एक साथ तीन मूर्तियां निकली थी. करीब 15 से 20 फीट तक मंदिर की खुदाई हो चुकी है. इस दौरान कुएं में से खंडित हो चुकी ये मूर्तियां निकाली गईं. जो कि 7 से 8 इंच लंबी है. देखने से ये मूर्ति माता-पार्वती जी, गणेश जी और लक्ष्मी जी की प्रतीत हो रही हैं. फिलहाल, जांच-पड़ताल जारी है और मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद है.
आपको बता दें कि संभल के दीपसराय से सटे खग्गू सराय में करीब 4 दशक साल से बंद पड़े पुराने शिव मंदिर को प्रशासन ने शनिवार को फिर से खुलवाया था. मंदिर के खुलते ही यहां पुलिस प्रशासन और लोगों की भीड़ लग गई थी. मंदिर के खुलते ही पूजा-अर्चना भी शुरू हो गई है. वहीं, प्रशासन की ओर से मंदिर के बिल्कुल पास पाट दिए गए एक कुएं की भी खुदाई करवाई गई. जब इसकी 15 फीट तक खुदाई हुई तो इसमें एक-एक कर देवी-देवताओं की मूर्तियां निकलने लगीं.
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बिजली चोरी पर निरीक्षण करने गई टीम को मिला था मंदिर का इनपुट
बता दें कि बिजली चोरी रोकने पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने बीते शनिवार को 1978 से बंद पड़े इस मंदिर को ढूंढा था. इसके बाद 15 सितंबर को इस मंदिर में विधि-विधान और मंत्रोचारण के साथ पूजा आरती की गई. जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया के मुताबिक यह कार्तिक महादेव का मंदिर है. यहां एक कुआं मिला है, जो अमृत कूप है. मंदिर मिलने के बाद यहां 24 घंटे सुरक्षा के लिए टीम तैनात की गई है. सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. यहां जो अतिक्रमण है, उसे हटाया जा रहा है.
स्थानीय लोगों का दावा है कि सांप्रदायिक दंगों और हिंदू आबादी के विस्थापन के कारण ये मंदिर 1978 से बंद पड़ा था. नगर हिंदू महासभा के संरक्षक विष्णु शंकर रस्तोगी (82) ने बताया कि वह जन्म से ही खग्गू सराय में रहते आए हैं. 1978 के दंगों के बाद हिंदू समुदाय को इस इलाके से पलायन करना पड़ा था. तब से ही हमारे कुलगुरु को समर्पित यह मंदिर बंद था.
46 सालों से बंद पड़ा ये मंदिर सपा सांसद जियाउररहमान बर्क के घर से 200 मीटर की दूरी पर मिला है. मंदिर के अंदर हनुमान जी की प्रतिमा, शिवलिंग और नंदी स्थापित हैं. फिलहाल यहां डीएम और एसपी ने सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था की है.