West Bank – TheNewsHub https://thenewshub.in Thu, 03 Oct 2024 09:36:59 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 Palestinian activist wins prize for peaceful resistance https://thenewshub.in/2024/10/03/palestinian-activist-wins-prize-for-peaceful-resistance/ https://thenewshub.in/2024/10/03/palestinian-activist-wins-prize-for-peaceful-resistance/?noamp=mobile#respond Thu, 03 Oct 2024 09:36:59 +0000 https://thenewshub.in/2024/10/03/palestinian-activist-wins-prize-for-peaceful-resistance/

Issa Amro, a Palestinian activist in the occupied West Bank, on Thursday received the Right Livelihood Award for his organization’s work.

The Youth Against Settlements (YAS) group was awarded the prize for its “steadfast non-violent resistance to Israel’s illegal occupation, promoting Palestinian civic action through peaceful means.”

Founded by Amro, YAS campaigns against the proliferation of Israeli settlements in the West Bank, which the international community widely considers illegal.

Amro was born in Hebron, where some 1,000 Jewish settlers live under Israeli military protection amid 200,000 Palestinians.

The Sweden-based Right Livelihood Foundation said the 44-year-old activist was detained several times by both Israel.

“It’s a miracle that I still exist,” said Amro.

Around 475,000 Israelis live in settlements in the West Bank, which Israel has occupied since 1967, which the UN deems illegal under international law.

Settlements built without the approval of the Israeli government also sometimes end up being legalized after construction by the Israeli government.

What is the ‘Alternative Nobel Prize?’

The annual Right Livelihood Award was established in 1980 by Swedish-German philanthropist Jakob von Uexkull to honor efforts that he felt were being ignored by the Nobel prizes.

Since then, the award, often dubbed the “Alternative Nobel Prize,” has been awarded to 198 laureates from 77 countries.

Besides Amro, Indigenous activist Joan Carling from the Philippines, Mozambique’s environmental activist Anabela Lemos and UK research agency Forensic Architecture also received the 2024 honor.

This year’s winners “have each made a profound impact on their communities and the global stage,” the Right Livelihood Foundation said.

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लेबनान: हिज्बुल्लाह के मुख्यालय पर इजरायल ने बरसाईं मिसाइलें, हमले में मारा गया कार्यकारी परिषद का प्रमुख https://thenewshub.in/2024/09/27/%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b9-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%81/ https://thenewshub.in/2024/09/27/%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b9-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%81/?noamp=mobile#respond Fri, 27 Sep 2024 22:39:03 +0000 https://thenewshub.in/2024/09/27/%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b9-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%81/

इजरायल दक्षिणी लेबनान पर ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक कर रहा है. इजरायल लेबनान के उन रिहायशी इलाकों को भी निशाना बना रहा है, जहां हिज्बुल्लाह के आतंकियों ने हथियार छिपा कर रखे हैं. इजरायली आर्मी हिज्बुल्लाह के आतंकी ठिकानों पर चुन-चुनकर बम बरसा रही है, जिसमें उसके कमांडर मिट्टी में मिलते जा रहे हैं. 9 दिन से जारी जंग में इजरायली हमले में लेबनान के अब तक 700 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2600 लोग घायल बताए जा रहे हैं. शुक्रवार के हमले में भी 25 लोगों की जान चली गई. इसमें हिज्बुल्लाह के कार्यकारी परिषद के प्रमुख हाशेम सफीद्दीन की भी मौत हो गई. इससे पहले गुरुवार को हमलों में इजरायल ने हिज्बुल्लाह की ड्रोन यूनिट के कमांडर मोहम्मद सरूर को ढेर कर दिया था.

इस बीच शुक्रवार देर शाम (भारतीय समयानुसार) इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में एक के बाद एक कई एयरस्ट्राइक कीं. ये हमला यूएनजीसी में नेतन्याहू के भाषण के बाद हुआ है. इसे इजरायल का लेबनान में सबसे भीषण हमला माना जा रहा है. इसके चलते आसमान में धुएं के गुबार छा गए. इजरायल ने बेरूत स्थित हिज्बुल्लाह के मुख्यालय पर भी हमला किया. ये मुख्यालय एक रियाशी इमारत के नीचे था. बताया जा रहा है कि इसमें हिज्बुल्लाह चीफ नसरल्लाह ने बंकर बनाया हुआ था. पहले बताया गया था कि बंकर में नरसल्लाह हो सकता है. हालांकि सूत्रों की मानें तो हिज्बुल्लाह की तरफ से इसका खंडन कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि हमले से पहले इजरायल ने अमेरिका को भी इसकी जानकारी दी थी. इन हमलों में 6 इमारते पूरी तरह तबाह हो गईं. इस हमले में 2 की मौत हुई है जबकि 70 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. 

इस हमले के बाद इजरायली पीएम नेतन्याहू ने अमेरिका यात्रा को छोटा कर दिया है और वे तुरंत इजरायल लौट रहे हैं. हमलों को लेकर इजरायली सेना ने बयान भी जारी किया. शुक्रवार को सेना ने कहा कि उसने दक्षिणी बेरूत के दहिएह उपनगर में हिज्बुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय को निशाना बनाकर हमला किया, जिससे लेबनान की राजधानी हिल गई और शहर के ऊपर धुएं के घने गुबार छा गए. फिलहाल यह जानकारी सामने नहीं आई है कि हमलों में कितने लोगों की मौत हुई है. लेकिन स्थानीय मीडिया का कहना है कि हमलों के बाद इलाके में दहशत का माहौल है और आम नागरिक सुरक्षित जगहों की तरफ पलायन कर रहे हैं.

पीएम नेतन्याहू ने UNGA में हिज्बुल्लाह को दी चेतावनी

इधर, जंग के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच पर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान और हिज्बुल्लाह के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. इतना ही नहीं UNGA के मंच से नेतन्याहू ने ईरान को भी खुलेआम धमकी दी, जिसके विरोध में कई देशों के प्रतिनिधियों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. नेतन्याहू ने कहा कि ईरान में कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां इजरायल नहीं पहुंच सकता. उन्होंने हिज्बुल्लाह को समर्थन देने वाले ईरान को लेकर कहा कि इजरायल तब तक नहीं थमेगा, जब तक उनके देश के बंधक नागरिक सुरक्षित घर नहीं लौट आते.

इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि हम गाजा में हमास से तब तक लड़ेंगे जब तक हमें पूरी तरह जीत नहीं मिल जाती. इजरायल भी शांति का पक्षधर है. लेकिन अगर उनके देश पर हमला होगा तो वो किसी को नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि भले ही हिज्बुल्लाह की पकड़ सभी महाद्वीपों में है, लेकिन वो हिज्बुल्लाह और उसके चीफ हसन नसरल्लाह के खात्मे तक जंग जारी रखेंगे. इस साल जंग की वजह से उनका संयुक्त राष्ट्र महासभा में आने का कोई इरादा नहीं था. लेकिन वो लेबनान, ईरान और हिज्बुल्लाह को एक्सपोज करने के लिए यहां पहुंचे हैं.

जल्द जमीनी जंग को भी अंजाम दे सकता है इजरायल!

बता दें कि इजरायल ने सैकड़ों टैंक और आर्मर्ड व्हीकल्स को लेबनानी सीमा के पास तैनात कर दिया है. डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि इजरायल बहुत जल्द किसी भी समय लेबनान पर हमला कर सकता है. यानी जमीनी जंग की शुरूआत हो सकती है. इजरायल के उत्तर में लेबनान का दक्षिणी हिस्सा मौजूद है. ये हमले कब और किस समय होंगे, इसका खुलासा फिलहाल नहीं हुआ है. लेकिन होंगे बहुत जल्द. 

हिज्बुल्लाह के लड़ाके सबसे ज्यादा हमले अपने इसी गढ़ से करते हैं. लेबनान में हाल ही में इजरायल ने कोवर्ट ऑपरेशन करके दुनिया को हैरान कर दिया था. ये कोवर्ट ऑपरेशन पेजर और वॉकी-टॉकी के धमाके थे. इजरायली रक्षामंत्री योआव गैलेंट ने भी इस बात का खुलासा कर दिया है कि उनका देश संभावित ग्राउंड अटैक के लिए तैयार है. इसका मतलब ये है कि इजरायल किसी भी समय जमीनी जंग की शुरूआत कर सकता है. गाजा पट्टी में जिस तरह घुसकर हमास को खत्म किया. ठीक उसी तरह लेबनान में घुसकर हिज्बुल्लाह का खात्मा कर सकता है.

इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के अनुसार, इस लड़ाई ने लेबनान में 200,000 से ज़्यादा लोगों को अपने घरों से भागने पर मजबूर कर दिया है. इजरायल अधिकारियों ने सख्त चेतावनी जारी की है, जिसमें धमकी दी गई है कि अगर हिज्बुल्लाह ने अपने हमले जारी रखे तो वे लेबनान में भी गाजा जैसी तबाही मचा देंगे. इन बयानों ने इस आशंका को और बढ़ावा मिला है कि गाजा में देखी गई तबाही लेबनान में भी दोहराई जा सकती है, जिससे संघर्ष और भी बढ़ सकता है.

फाइल फोटो

पेजर धमाकों के बाद अब इजरायल ने लेबनान में मचाई तबाही

पहले गाजा और अब बेरूत. इजरायल ने लेबनान पर बमों की बारिश कर दी है. बेरूत समेत तमाम लेबनानी शहरों में इजरायल तीन चार दिन से हमले कर रहा है. पेजर हमलों के बाद ये नई तबाही लेबनान पर भारी पड़ रही है. इजरायली हमलों के बाद लेबनान जाने वाली लगभग सारी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. इजरायली हमले और हिजबुल्लाह की जवाबी कार्रवाई के बीच कोई भी एयरलाइंस कंपनी बेरूत जाने का जोखिम नहीं उठा रही है.

कभी मिडिल ईस्ट का स्विट्जरलैंड और पेरिस था लेबनान

लेबनान हमेशा से ऐसा नहीं था और कभी इसे मिडिल ईस्ट का स्विट्जरलैंड और पेरिस कहा जाता था. लेकिन धीरे-धीरे यह इस्लामी कट्टरपंथ और आतंकवाद का गढ़ बन गया. यही वजह है कि लेबनान की राजधानी बेरूत इजरायली बम बारूद से तबाही झेल रही है. आज यहां खूंखार आतंकी संगठन हिजबुल्लाह का गढ़ है. लेकिन आज से 19 साल पहले भी इसकी तस्वीर ऐसी नहीं थी. बेरूत मॉडर्न, आजाद ख्याल और कट्टरवाद से बहुत दूर था.इसकी राजधानी बेरूत दुनिया के सबसे अमीर पर्यटकों का दिल खोलकर स्वागत करती थी. लेबनान में स्विमसूट, समुद्र तट, चहल-पहल भरी सड़कें और आज़ादी से घूमने वाले लोग थे.

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Stop sending arms to Israel, Palestinian President Abbas pleads at UN https://thenewshub.in/2024/09/27/stop-sending-arms-to-israel-palestinian-president-abbas-pleads-at-un/ https://thenewshub.in/2024/09/27/stop-sending-arms-to-israel-palestinian-president-abbas-pleads-at-un/?noamp=mobile#respond Fri, 27 Sep 2024 15:21:36 +0000 https://thenewshub.in/2024/09/27/stop-sending-arms-to-israel-palestinian-president-abbas-pleads-at-un/

Palestinian President Mahmud Abbas called on Thursday on the international community to stop sending weapons to Israel in order to halt bloodshed in the West Bank and Gaza, singling out the United States.

Abbas said that Washington continued to provide diplomatic cover and weapons to Israel for its conflict in Gaza despite the mounting death toll there, now at 41,534 according to the health ministry in the Hamas-run strip.

“Stop this crime. Stop it now. Stop killing children and women. Stop the genocide. Stop sending weapons to Israel. This madness cannot continue.

The entire world is responsible for what is happening to our people in Gaza and the West Bank,“ Abbas said in an address to the UN General Assembly.

The vast majority of the besieged Gaza Strip’s 2.4 million people have been displaced at least once by the conflict with many seeking shelter in school buildings. “The US alone stood and said: ‘No, the fighting is going to continue.’ It did this by using the veto,” he said, referring to the veto repeatedly wielded to thwart censure in the UN Security Council of Israel’s campaign in Gaza.

“It furnished Israel with the deadly weapons that it used to kill thousands of innocent civilians, children and women. This further encouraged Israel to continuous aggression,” he added, saying that Israel “does not deserve” to be in the UN.

Washington is Israel’s closest ally and backer, supplying the nation with billions of dollars of aid and military material.

Attacks Israel’s UN membership

The speech by Abbas comes months after the General Assembly voted that the State of Palestine merited full membership. As world leaders opened their speeches on Tuesday, Abbas was able to take his seat alongside the Palestinian delegation, seated in the General Assembly in alphabetical position.

In his address, Abbas said Israel’s defiance of the United Nations, which it often calls biased, showed the country should not be part of the world body. “Israel, which refuses to implement United Nations resolutions, does not deserve to be a member in this international organisation,” Abbas said.

Gaza school strike

Civil defence rescuers in Gaza said an Israeli strike on Thursday on a school-turned-shelter killed at least 15 people. Civil defence agency spokesman Mahmud Bassal said there were “15 martyrs, including children and women, and several wounded, some of them seriously, following an Israeli bombardment of Al Faluja school in Jabalia camp in north Gaza”. Bassal earlier said the death toll was seven.

Thursday’s attack was the latest in a series of Israeli strikes on school buildings housing displaced people in Gaza, where fighting has raged for nearly a year.

A strike on the United Nations-run Al Jawni School in central Gaza on Sep 11 drew international outcry after the UN agency for Palestinian refugees, UNRWA, said six of its staffers were among the 18 reported fatalities.

At least 41,534 Palestinians, a majority of them civilians, have been killed in Israel’s military campaign in Gaza since the conflict began, according to data provided by the health ministry in the Hamas-run territory. The United Nations has acknowledged these figures as reliable.

Residents said Israeli forces operating in the southern Gaza city of Rafah and in Zeitoun, a suburb of Gaza City, had blown up several homes in both areas as the military continued its operations there.

Peace hopes

Many months of diplomatic efforts to reach a Gaza ceasefire have yielded little progress, with Israel refusing any deal to halt the fighting without the total defeat of Hamas. Over the past week, Israel has also launched some of the biggest airstrikes on Lebanon in nearly two decades, targeting Hezbollah, which has been firing into Israel in solidarity with the Palestinians.

On Wednesday, the United States, France and several other allies called for an immediate 21-day ceasefire across the Israel-Lebanon border while also expressing support for a Gaza ceasefire following intense discussions at the United Nations. In Gaza, many Palestinians voiced hope that a deal to end the war in Lebanon would also bring an end to the fighting in the Palestinian enclave.

“Since Oct 8, Hassan Nasrallah conditioned ending the strikes by Hezbollah on ending the Israeli crimes and war on Gaza. This is a big gate of hope that peace may prevail in Lebanon and Gaza,” said Tamer Al Burai, a Palestinian businessman from Gaza City, who is currently displaced in Khan Younis in southern Gaza.

“We stand in solidarity with the people of Lebanon and we don’t wish that anyone be harmed as Gaza was,” Burai said via a chat app.

Some expressed concern that a deal in Lebanon alone could free Israel’s hands further in Gaza, but Abed Abu Mustafa, a resident of Gaza City, said he expected Nasrallah to continue supporting the Palestinian enclave.

The health ministry in Gaza on Thursday accused the Israeli army of treating exhumed bodies in an “inhumane” manner, saying it deposited a container containing scores of dead Palestinians without proper documentation.

The Gaza health ministry said the Israeli army sent back a container on Wednesday containing 88 bodies “without any data or information that could help identify” them.

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