UP Police Recruitment Scam: पुलिस भर्ती घोटाला मामले में सॉल्वर गैंग की मदद से दरोगा बने सात लोगों का फर्जीवाड़ा सामने आया है. भर्ती बोर्ड ने कराई दो महिला अभ्यार्थियों समेत सात लोगों के खिलाफ हुसैनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. उत्तर प्रदेश पुलिस प्रोन्नति एवं भर्ती बोर्ड के इंस्पेक्टर ने तहरीर दी थी.
फिंगरप्रिंट से हुआ खुलासा
फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन के दौरान गड़बड़ी का खुलासा हुआ, जिसके बाद सभी आरोपियों के खिलाफ हुसैनगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2023 में चयनित अभ्यर्थियों का फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन किया, जिसमें परीक्षा और फिजिकल टेस्ट में शामिल अभ्यर्थियों के फिंगरप्रिंट मैच नहीं हुआ. फिंगरप्रिंट ब्यूरो की रिपोर्ट (13 अक्टूबर 2023) में यह गड़बड़ी साफ हो गई.
दरअसल, यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2020-21 में सब-इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन अधिकारी के पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की थी. जांच में सामने आया कि सात अभ्यर्थियों ने अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर सॉल्वर गैंग की मदद से अपनी जगह सॉल्वर गैंग के डमी कैंडिडेंट्स को बैठाया था. इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर भर्ती बोर्ड की कमेटी जांच कर रही है.
इन सात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
यूपी पुलिस भर्ती में धांधली के मामले में अलीगढ के रहने वाले गौरव कुमार, एटा की निवासी कु0 मालती, बुलंदशहर निवासी निर्भय सिंह जादौन, मेरठ निवासी रोहित कुमार, आगरा निवासी कु0 ज्योति, गोरखपुर निवासी घनश्याम जयसवाल और महराजगंज निवासी सुधीर कुमार गुप्ता पर FIR दर्ज हुई है.
मेरठ के रोहित कुमार ने लखनऊ के गुड़ंबा स्थित परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने के बजाय सॉल्वर बैठाया. निर्भय सिंह जादौन (बुलंदशहर) ने आगरा के सिकंदरा स्थित सेंटर पर सॉल्वर की मदद से परीक्षा पास की. कुमारी मालती (एटा) महिला अभ्यर्थी ने आगरा के हाथरस रोड स्थित सेंटर पर सॉल्वर से परीक्षा दिलवाई. वहीं गौरव कुमार (अलीगढ़) ने लखनऊ के जानकीपुरम स्थित परीक्षा केंद्र पर सॉल्वर बैठाकर परीक्षा पास की. पुलिस मामले की जांच कर रही है और सॉल्वर गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है. पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पुलिस भर्ती की प्रक्रिया की शुचिता पर सवाल खड़े हुए हैं.