इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI) पर बम की झूठी धमकी मामले में दिल्ली पुलिस ने एक 25 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम शुभम उपाध्याय है. 12वीं कक्षा तक पढ़े और राजापुरी, उत्तम नगर के बेरोजगार निवासी युवक को झूठी अफाह उड़ाने की जांच के लिए जारी विस्तृत जांच के बाद गिरफ्तार किया गया.
दरअसल, 25-26 अक्टूबर की रात को IGI एयरपोर्ट पर बम की झूठी सूचना एक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए मिली. सुरक्षा अधिकारियों ने तुरंत एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए मानक प्रोटोकॉल सक्रिय किए, स्थिति का आकलन करने के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन के साथ समन्वय किया. अधिकारियों ने नागरिक उड्डयन की सुरक्षा के खिलाफ गैरकानूनी कृत्यों के दमन (SUA SCA) अधिनियम 1982 की धारा 3(1)(d) और BNS अधिनियम की धारा 351(4) के तहत एफआईआर संख्या 833/24 के तहत तुरंत मामला दर्ज किया.
शुरुआती जांच में पुष्टि हुई कि धमकी झूठी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने मैसेज के सोर्स का पता लगाने के लिए जांच जारी रखी. तकनीकी निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने के पर आरोपी लड़के से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी मिली. इस पर पुलिस ने युवक के घर से उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान उसने कथित तौर पर मैसेज भेजने की बात कबूली. उसने दावा किया कि वह समाचारों में शामिल इसी तरह के मामलों से प्रभावित था और ऐसी घटनाओं की नकल करके ध्यान आकर्षित करना चाहता था.
दिल्ली पुलिस ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि एयरपोर्ट पर परिचालन सुरक्षित है और इस बात पर जोर दिया कि इस घटना से कोई वास्तविक खतरा नहीं है. एयरपोर्ट अधिकारियों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ा दिए हैं, लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी और स्क्रीनिंग जारी रखी है. पुलिस प्रवक्ता ने नागरिकों से किसी भी असामान्य या संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने का आग्रह किया, साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने में सामुदायिक सहयोग के महत्व पर जोर दिया.
बता दें कि उपाध्याय फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं और जांच जारी है. अधिकारी उनके इरादों की जांच कर रहे हैं और उनकी सोशल मीडिया गतिविधियों का मूल्यांकन कर रहे हैं. पुलिस ने झूठी धमकियों के गंभीर परिणामों को दोहराया, जो सार्वजनिक चिंता पैदा कर सकते हैं, आवश्यक संचालन को बाधित कर सकते हैं और महत्वपूर्ण सुरक्षा संसाधनों का दुरुपयोग कर सकते हैं.
दिल्ली पुलिस ने किसी भी धमकी के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति का सुझाव देते हुए एक सलाह भी जारी की, जिसमें चेतावनी दी गई कि इस तरह की धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों को सख्त कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा.