कौन था 'खान यूनिस का कसाई' याह्या सिनवार, जिसकी मौत पर जश्न मना रहा इजरायल

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October 18, 2024
कौन था 'खान यूनिस का कसाई' याह्या सिनवार, जिसकी मौत पर जश्न मना रहा इजरायल


हमास का नया मुखिया याह्या सिनवार भी मारा गया है. इजरायल ने उसकी मौत की पुष्टि कर दी है. याह्या सिनवार को पिछले साल 7 अक्टूबर के हमले का मास्टरमाइंट माना जाता है. 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया था. इस हमले में 1200 इजरायलियों की मौत हो गई थी. इसके बाद ही इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान किया था. 

इजरायली विदेश मंत्री इसरायल काट्ज ने कहा कि 7 अक्टूबर के नरसंहार और अत्याचार के लिए जिम्मेदार याह्या सिनवार को आईडीएफ ने मार गिराया. वहीं, इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमने 7 अक्टूबर का हिसाब बराबर कर लिया है लेकिन जंग अभी बाकी है.

याह्या सिनवार इस साल अगस्त में इस्माइल हानिया की मौत के बाद हमास का मुखिया बना था. इस साल 31 जुलाई को इस्माइल हानिया को इजरायल ने मार गिराया था. 

याह्या सिनवार को कई नामों से जाना जाता है. उसे कोई ‘हमास का ओसामा बिन लादेन’ कहता था, तो कोई ‘खान यूनिस का जल्लाद’. इजरायल उसे ‘आतंक का हिटलर’ कहता है. वो इतना क्रूर था कि हमास से गद्दारी और इजरायल से वफादारी के शक में फिलिस्तीनियों तक को तड़पा कर मारता रहा है. वो बच्चों के साथ खुलेआम बंदूकों की नुमाइश करता है. उनकी मासूमियत को आतंक के जहर से मार डालता है. उसके बाद बच्चों पर ज्यादती का इल्जाम इजरायल पर लगाता है. गाजा में फैला टनल नेटवर्क उसकी ताकत है, जिसमें उसके कई राज दफन हैं.

‘बुचर ऑफ खान यूनिस’, जिसे लादेन भी कहा जाता है

याह्या सिनवार को ‘बुचर ऑफ खान यूनिस’ भी कहा जाता है. 7 अक्टूबर के हमले के बाद इजरायली मीडिया ने उसकी तुलना कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन से की थी. इजरायल डिफेंस फोर्सेस के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने उसकी तुलना ‘बुराई का चेहरा’ से की थी. उसे ‘चलता फिरता मरा हुआ आदमी’ तक बताया था. सिनेवार का जन्म साल 1962 में साउथ गाजा के खान यूनिस में एक फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में हुआ था. यही वजह है कि उसे ‘खान यूनिस का कसाई’ भी कहा जाता है. वो खुलेआम कत्लेआम करने से नहीं चूकता.

साल 2015 में अमेरिका ने घोषित किया ‘ग्लोबल टेरेरिस्ट’

साल 1988 में इजरायली एजेंसियों ने याह्या सिनवार को गिरफ्तार किया था. उस वक्त याह्या की उम्र 19 साल थी. उसके खिलास केस चला और उसे चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. लेकिन साल 2011 में इजरायल और हमास के बीच हुए एक डील के तहत उसे रिहा कर दिया गया. साल 2015 में अमेरिकी विदेशी विभाग ने उसको ‘ग्लोबल टेरेरिस्ट’ घोषित किया था. कुछ समय पहले ही फ्रांस ने उसकी संपत्ति फ्रीज कर दी और उसे अपनी राष्ट्रीय प्रतिबंध सूची में शामिल कर दिया. इतने प्रतिबंध और विरोध के बावजूद उसका रसूख कम नहीं हुआ.

22 सालों तक जेल में रहा था सिनवार

याह्या सिनवार 1988 से 2011 के बीच लगभग 22 सालों तक इजरायल की जेलों में रहा. कहा जाता है. 2011 में जब कैदियों की अदला-बदली का समझौता हुआ, तो इजरायल के एक सैनिक गिलाड शलिट के बदले में इजरायल ने 1027 फिलीस्तीनी इजराइली अरब कैदियों को रिहा किया. इनमें याह्या सिनवार भी शामिल थे.

7 अक्टूबर को इजरायल में हुए नरसंहार की रची साजिश

याह्या सिनेवार 80 के दशक के अंत में हमास का सदस्य बना था. लेकिन बहुत तेजी से उसने अपनी एक अलग पहचान बना ली. कुछ सालों के बाद ही वो हमास के आंतरिक खुफिया तंत्र के संस्थापकों में से एक बन गया. इसे मजद के नाम से जाना जाता है. दो इजरायली सैनिक और चार फिलिस्तीनियों की हत्या के जुर्म में वो दो दशक से ज्यादा समय इजरायली जेल में बिता चुका है. जेल से बाहर निकलने के बाद वो ज्यादा खूंखार हो गया. उसने इजरायल को खत्म करने की कसम खाई और 7 अक्टूबर को हुए नरसंहार की पूरी साजिश रच डाली.

गाजा की सुरंगों में भागता देखा गया था याह्या सिनवार

इस नरसंहार का बदला लेने के लिए इजरायली सेना गाजा में घुस गई. क्या जमीन, क्या हवा और क्या समंदर, हर तरफ से हमास के खिलाफ जंग छेड़ दी. इजरायली सेना के हवाई हमलों से पूरा गाजा दहल उठा. लेकिन हमास के टनल नेटवर्क ने उसे बचाए रखा. फरवरी में इजरायली डिफेंस फोर्सेस ने एक वीडियो जारी करके दावा किया था कि याह्या सिनेवार अपने परिवार के साथ सुरंग के जरिए भागा था. 10 अक्टूबर को खान यूनिस में स्थित टनल नेटवर्क से वो गुजरते हुए दिखाई दिया था. उसके साथ उसका भाई, पत्नी और बच्चे भी नजर आए थे. 
 
हमास चीफ याह्या सिनवार की क्रूरता के कुख्यात किस्से

याह्या सिनवार की क्रूरता के कई किस्से कुख्यात हैं. एक बार इजराइल के लिए जासूसी करने के शक में उसने एक शख्स को जिंदा दफन करवा दिया था. भयावह बात ये है कि इसके लिए उसने कुदाल का इस्तेमाल नहीं किया था, बल्कि चम्मच से क्रब खोदने का आदेश आरोपी के भाई को ही दिया था. साल 2015 में उसने हमास एक कमांडर को बुरी मौत दी थी. उस पर समलैंगिकता और रुपयों की हेरा-फेरी का आरोप था. उसके बारे में कहा जाता है कि वो हर बार मौत को भी मात दे देता है. उसके मरने की कई बार अफवाह उड़ी, लेकिन वो जिंदा है.