उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के एक अस्पताल से किडनैप की गई नवजात बच्ची को चित्रकूट पुलिस ने बचा लिया है. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है. सोमवार को पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक चित्रकूट के एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान संतोष मिस्त्री (कौशांबी), अस्पताल संचालक सुधीर सिंह उर्फ डॉक्टर, आशा कार्यकर्ता गुड्डू देवी (चित्रकूट) अमित पटेल और जसवंत प्रजापति के रूप में हुई है.
पूछताछ के दौरान आरोपी जसवंत प्रजापति ने बताया कि उसने 10,000 रुपये में बच्ची को खरीदा था क्योंकि उसकी पत्नी पिछले 10 साल से निःसंतान थी और उसे समाज में तिरस्कार झेलना पड़ रहा था. प्रजापति के इस बयान के बाद मामले में बाल तस्करी की धारा भी जोड़ दी गई है.
50,000 रुपये दिलवाने का वादा कर बच्चे को किया अगवा
पुलिस के अनुसार, सुनील की पत्नी गुंजा ने गुरुवार को टिकरिया गांव में अपनी भाभी के घर पर एक बच्ची को जन्म दिया था. अगले ही दिन, शुक्रवार को पांच लोग, जिनमें एक महिला भी शामिल थी, वाहन से पहुंचे और सुनील को 50,000 रुपये की सरकारी सहायता का झूठा वादा किया. आरोपी सुनील और उसकी नवजात बेटी को चित्रकूट के कर्वी यह कहकर ले गए कि वहां टीकाकरण करवाना है.
कर्वी पहुंचने के बाद, आरोपियों ने सुनील को यह कहकर छोड़ दिया कि उन्हें कुछ दस्तावेजों की फोटोकॉपी करवानी है और वो नवजात बच्ची को लेकर फरार हो गए. नवजात के पिता की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की एक टीम गठित कर जांच शुरू कर दी.
महिला समेत पांच आरोपी गिरफ्तार
सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने एक वैगनआर कार और एक मोटरसाइकिल की पहचान की, जो इस अपराध में इस्तेमाल किए गए थे. रविवार को पुलिस ने कौशांबी जिले के एक निजी अस्पताल से नवजात बच्ची को सुरक्षित बचा लिया. पुलिस ने इस मामले में सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.