दुष्यंत चौटाला अलग चुनाव लड़कर बीजेपी-कांग्रेस किसका गेम बिगाड़ पाए या खुद का?

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October 05, 2024
दुष्यंत चौटाला अलग चुनाव लड़कर बीजेपी-कांग्रेस किसका गेम बिगाड़ पाए या खुद का?


हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर शनिवार को एक चरण में मतदान शाम छह बजे संपन्न हो चुका है. मतदान खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे आना शुरू हो गया है. आजतक और सी-वोटर के एग्जिट पोल के सर्वे के मुताबिक दुष्यंत चौटाला की पार्टी को 4% वोट मिलने का अनुमान है. इस वोट शेयर को अगर सीटों में तब्दील करें तो जेजेपी 0-2 सीटों पर सिमटती हुई दिख रही है. जेजेपी को इस बार विधानसभा चुनाव में भारी नुकसान होता हुआ नजर आ रहा है. जेजेपी ने 2019 में 10 सीटें जीतीं थीं. वहीं, सर्वे के आंकड़ों को देखकर मालूम होता है कि दुष्यंत का चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला उनकी पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हुआ है? 

बता दें कि साल 2019 में दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी के बहुमत से दूर रहने पर गठबंधन कर सत्ता में साझेदार बने और साढ़े चार साल सरकार में रहने के बाद गठबंधन से बाहर आकर उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.

दुष्यंत ने किसका किया नुकसान

जानकार कहते है कि कांग्रेस को हरियाणा में जो बढ़त मिली है. वो बीजेपी की वजह से नहीं, बल्कि जेजेपी और इलेनो की वजह से मिली है. जेजेपी को पिछली बार 10 सीटें मिली थीं. लोगों को लगा था कि वो युवा चेहरा हैं, प्रदेश के लिए कुछ नया करेंगे. लेकिन उन्होंने चुनाव के बाद बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और साढ़े चार साल बाद इस्तीफा दिया. पर इस बार हरियाणा की जनता ने उनकी रणनीति को समझ लिया और इस बार वो पूरा वोट प्रतिशत कांग्रेस के पाले में चला गया.

लोग हमसे नाराज हैं

जेजेपी के प्रवक्ता दीप कमल ने आजतक से कहा, देखिए मैं आपके एग्जिट पोल को पूरी तरह से नहीं नकारूंगा. मैं मानता हूं कि हमारी पार्टी की पिछले चुनाव की तरह 8-10 सीटों  पर पहुंचने की नहीं है. लोग हमसे नाराज है, किसान आंदोलन का विषय रहा, पहलवान आंदोलन का विषय रहा. उससे भी बड़ा बीजेपी के खिलाफ हरियाणा में माहौल हैं. इस में गेहूं के साथ घुन पिसता जाता है. वैसे ही हम पिसे हैं. ऐसा नहीं कि लोग हमें जीताना नहीं चाहते थे, पर लोग हमसे नाराज हैं और अपना गुस्सा उतार रहे हैं. 

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार को बदला. और साढ़े 9 साल के मुख्यमंत्री को बदला. तब उन्होंने नए मुख्यमंत्री के साथ नई सरकार बनाई तो हमने पहले ही बोल दिया था कि हम इस सरकार में शामिल नहीं होंगे. वो बीजेपी का अतिआत्मविश्वास था. बीजेपी को लगता था कि लोकसभा में दस की दस सीटें जीतने के बहुमत पर वो विधानसभा जीत सकते हैं.

आपको बता दें कि आजतक सी-वोटर के सर्वे में कांग्रेस को 43.8 प्रतिशत, बीजेपी को 37.2 प्रतिशत, जेजेपी को 4 प्रतिशत और अन्य को 19 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. वोट प्रतिशत को अगर सीटों में बदलते है तो कांग्रेस को 50-58 सीटें मिलने का अनुमान है, बीजेपी को 20-28 सीटें मिल सकती है. जेजेपी को 0 से 2 सीटें मिलने की संभावनाएं हैं. तो वहीं, अन्य में 10-14 सीटें मिल सकती हैं.